Congress had strangled democracy by imposing emergency: Manohar Lal

Haryana : आपातकाल लगा कांग्रेस ने घोंटा था लोकतंत्र का गला: मनोहर लाल

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Congress had strangled democracy by imposing emergency: Manohar Lal

Congress had strangled democracy by imposing emergency: Manohar Lal : चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र में काला अध्याय करार देते हुए केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने के फैसले को सराहनीय बताया। कांग्रेस द्वारा थोपी गई इमरजेंसी के दौरान अत्याचार सहने वाले हर व्यक्ति को संविधान हत्या दिवस सच्ची श्रद्धांजलि है।

रविवार को चंडीगढ़ में जारी एक बयान में मनोहर लाल ने कहा कि ‘संविधान हत्या दिवस’ याद दिलाएगा कि जब संविधान को रौंदा गया था, तब क्या हुआ था। यह भारतीय इतिहास का काला दौर था। आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को अकारण न केवल जेल में डाला गया, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला भी घोंटने का काम कांग्रेस ने किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीडऩ का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। संविधान हत्या दिवस हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा की भावना जागृत करेगा।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल का ऐलान किया था और 21 महीने, यानी 21 मार्च 1977 तक देश को आपातकाल का दंश झेलना पड़ा। विपक्षी नेता जयप्रकाश नारायण, लाल कृष्ण अडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी सहित देश की जनता ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठी और उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया।

मनोहर लाल ने कहा कि 50 साल पहले कांग्रेस के आपातकाल के दौरान जो परिस्थितियां पैदा हुई और जिस तरह का दमनकारी चक्र चलाया गया था, वह देशवासियों की स्मृति को ताजा रखेगा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जो कुछ किया, वह लोकतंत्र की हत्या थी, हमें हमेशा इस बात से अवगत रहना चाहिए कि कांग्रेस ने संविधान के साथ क्या किया।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने संविधान बदलने का भ्रम फैलाया। संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान केवल एक पुस्तक नहीं है, बल्कि वह देश को संचालित करने के साथ मौलिक अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा का सुरक्षा कवच है। मगर जिस तरह से कांग्रेस ने सार्वजनिक रैलियों में संविधान को लहराया, वह संविधान का अपमान है। संविधान पूजनीय है, जिसमें देश की तरक्की, अर्थव्यवस्था, नीति-नियम, दलितों और वंचितों के अधिकारों के साथ प्रजातंत्र की रक्षा निहित है।

 

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